Monday 29 February 2016

ख़ुदा

जो  दिखा नहीं किसी को मेरे अक्सों मे ,वो  बेचैनियाँ  लेकर चल रहा था मैं ।
अब बित गया वो दौर बेचैनियों का ,अपने  ख़ुदा से रूबरू होने के बाद ।।

Sunday 28 February 2016

चाँद की रोशनी

जिंदगी के  अंधेरे लम्हों में , चमकते चाँद की रोशनी सी  हो तुम ,
कभी खुदा तो , कभी सांसो से भी ज्यादा जरूरी सी हो तुम ।

जिंदा भी रहता और खुशी खुशी जी भी लेता तेरे बिन ,
मगर क्या करु ,मैं सिर्फ इक मुस्कान हूँ और उसकी सूरत सी हो तुम ।।

Saturday 27 February 2016

खुशी के चार पल

आसान  नहीं है ,खुशी  के  चार  पल  यहाँ पाना ,
मुझे हर बार रुला दिया गया, खुशी मिलने के बाद।
जब भी चाहा तुम्हें भुला कर  नई राह पर चलना ,
हर बार याद दिला दिया गया मुझे , तुम्हें भुला देने के बाद।।
 

Friday 26 February 2016

चाहत


अक्सर जिंदा होने का ऐहसास, मौत के बगल से गुजर जाने के बाद  होता है  ।
मैं ख़ुश भी रह सकता हूँ, पर यह उन्हें खोकर पाने के बाद होता है ।

मोहब्बत तो देख मेरी, खुदा का ऐहसास भी तो उनकी गली  में जाने के बाद  होता है ।
जान है मुझमें या नहीं, ये ऐहसास भी अब तो उनकी नजर के सामने आ जाने बाद होता है ।

Thursday 25 February 2016

पहचान

अनजाने थे हम अनजानी सी जिंदगी थी अपनी ,
किसी के दुआओं से ,बस यूँ ही अपनी पहचान हो गयी थी ।

चाहत किसी की भी होती ,जुदा होना नहीं था तब  हमको ,
जिंदगी के उन छोटे से पल मे भी ,तुम कुछ नहीं से मेरा पूरा जहान हो गयी थी।।

Wednesday 24 February 2016

गम

दबा कर सिसकियों को आज इस मोड़ पर पहुँचा हूँ जिंदगी के ।
अब गुजर जाती है मोहब्बत नजर के सामने से और ऐहसास दिल तक  को नही होता है ।।

ऐहसास

जो गिर गया खुद की नजरों मे,
उसे किसी की दुआ क्या उठा पायेगी ।।

ख़ुदाई मेरे खुदा की तो काम ना आयी ,
ऐ जहां तेरे खुदा की क्या आयेगी ।।

Tuesday 23 February 2016

मिलने के बाद

अपने ग़मो को छुपा कर रख लिया था दिल के कोने मे कहीँ ।
ना जाने क्यों, अक्सर यह उभर आता है तुमसे मिलने के बाद ।।

इश्क़

मैं लड़ता चला गया  उम्मीद पर जिनके ,
जब भी मुड़ कर देखा,
अपनों में वो ही नजर ना आये ।
कुछ यूँ रूसवा हुआ मैं अपनों से  ,
जिंदगी के आख़िरी मोड़ पर भी,
वो हमें  बदल  ना पाये ।

ऐ बेवफा

आज भी  असर तो देख मेरी  मोहब्बत का ऐ बेवफा,
गुम कही भी हूँ   पाया  सिर्फ  तेरे गली मे जाता हूँ ।।

वक़्त का खेल

तुम बिछड़ जाओगे मिलकर,  इस बात में कोई शक़ ना  था ! मगर भुलाने में उम्र गुजर जाएग, ये मालूम ना  था !!