संग तेरे मैं जिंदगी में बड़ा सुकून सा पाता हूं ।
हर अदा पर मेरा मर जाना ,
ए जिंदगी उनके लिए ,
तभी तो तुझे थोड़ा कम सा पाता हूँ।
तू पूछ कर अपनी अदाओं से बता दे ,
मरना और कितनी बार होगा,
खुदा से मांग कर जन्म उतने तेरे लिए मैं और लाता हूँ ।
संग तेरे मैं जिंदगी में बड़ा सुकून सा पाता हूं ।
हर बार मरने के बाद ,
तुझसे मेरा अलग हो जाना ,
बिन तेरे ज़न्नत को भी मै ज़न्नत सा कहाँ पाता हूँ ।
आखिरी दुआ में संग तेरा ,
और हाथो की लकीरों में ख़ुशी तेरी ,
संग तेरे धरती को मै जन्नत से ज्यादा हसींन पाता हूँ ।
संग तेरे मैं जिंदगी में बड़ा सुकून सा पाता हूं ।
जो आशुओं से भी कभी बयां नहीं हुआ ,
जो किसी ने छुआ ही नहीं,
आज उस दर्द पर तेरे स्पर्श को मैं मरहम सा पाता हूँ ।
जिंदगी बहुत छोटी मेरी ,
तुझे पाने अब आसान ना होगा ,
कुछ वक़्त गुजार ले मैं कल के बारे में कहाँ जान पाता हूँ ।
संग तेरे मैं जिंदगी में बड़ा सुकून सा पाता हूँ।