Wednesday 22 March 2017

जिंदगी और सुक़ून


संग तेरे मैं जिंदगी में बड़ा सुकून सा पाता हूं ।

हर अदा पर मेरा मर जाना  ,
ए जिंदगी उनके लिए ,
तभी तो तुझे थोड़ा कम सा पाता हूँ।

तू पूछ कर अपनी अदाओं से बता दे ,
मरना और कितनी बार होगा,
खुदा से मांग कर जन्म उतने  तेरे लिए मैं और लाता हूँ ।

संग तेरे मैं जिंदगी में बड़ा सुकून सा पाता हूं ।

हर बार  मरने के बाद  ,
तुझसे मेरा अलग हो जाना ,
बिन तेरे ज़न्नत को भी मै ज़न्नत सा कहाँ पाता हूँ ।

आखिरी दुआ में  संग तेरा ,
और हाथो की लकीरों में ख़ुशी तेरी  ,
संग तेरे धरती को मै जन्नत से ज्यादा हसींन पाता  हूँ ।

संग तेरे मैं जिंदगी में बड़ा सुकून सा पाता हूं ।

जो आशुओं से भी कभी बयां नहीं हुआ ,
जो किसी ने छुआ ही नहीं,
आज उस  दर्द पर  तेरे स्पर्श को मैं मरहम सा पाता  हूँ ।

जिंदगी बहुत छोटी मेरी ,
तुझे पाने अब आसान ना होगा ,
कुछ वक़्त गुजार ले मैं कल के बारे में कहाँ जान पाता हूँ ।

संग तेरे मैं जिंदगी में बड़ा सुकून सा पाता हूँ।

Saturday 18 March 2017

अंजान बन जाते हैं....

जिंदगी के इस मोड़ पर आकर ,
चलो फिर से हम अंजान बन जाते हैं,
बाद इतनी खुशियों के तेरे संग, फिर से हम परेशान बन जाते  हैं।

फासलों से परे ,
तेरी हर आह पर कभी तड़प हम जाते थे ,
हार कर वक़्त से  , चलो हम वही पुराने पत्थर के इंसान बन जाते हैं।

अब यह एहसास होता है ,
तुझे पाना आसान नहीं होगा , 
मगर तुझे छुपा लू मैं सूरज की किरणों से  ,खुद  हम वो नीला आसमान बन जाते हैं ।

आज मेरे दिल को यह समझा दो और मैं तेरे दिल बहला दूँ,
दूर रहकर  भी जीना शायद मुमकिन होता है ,
वरना  ज़िस्म से जिन्दा और दिल से हम यूँ बेज़ान  बन जाते हैं ।

Saturday 4 March 2017

मोहब्बत क्या करेगा...

जो खुद से नफरत करता हो, वो किसी और से मोहब्बत क्या करेगा ।
जिसे जिंदगी ने हर पल मारा हो , बाद  उसके भी  कोई मौत से  क्या  डरेगा ।

वक़्त का खेल

तुम बिछड़ जाओगे मिलकर,  इस बात में कोई शक़ ना  था ! मगर भुलाने में उम्र गुजर जाएग, ये मालूम ना  था !!