Monday 22 May 2017

मुश्किल होता है...

वक़्त के सागर में,
डर कर यादों के तूफानों से ,
कस्तियों से तन्हा पार करना मुश्किल होता ।

अगर मिल जाता साथ तेरा  ,
मेरी मोहब्बत की कश्ती में ,
फिर किसी लहर को हमे डूबाना मुश्किल होता ।

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वक़्त का खेल

तुम बिछड़ जाओगे मिलकर,  इस बात में कोई शक़ ना  था ! मगर भुलाने में उम्र गुजर जाएग, ये मालूम ना  था !!