कुछ भी तो ना रहा ,
जो बच गया हो मुझसे ,
और तुझे भुलाने के लिये जिससे होकर ना गुजरा हो ,
अब तो बस ,
आखिरी साँस टूटने की आस बाकी है ।
पूछुंगा मैं,
अगर वो मिल जाये,
क्या कोई दर्द और भी रह गया ,
मैंने जिसे जिया ही नहीं ,
और जिसका एहसाह बाकी है।
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