Ishq Mohabbat Love
Sunday 9 July 2017
ख़ुद खोजता मुसाफ़िर हूँ ..
ग़म की राहों पर अज़नबी सा चलकर ,
खुशियों की तलाश करता रहा हूँ मैं |
खोया था जिनको पहले कभी ,
कभी उनको तो कभी ख़ुद को तलाश करता हूँ मैं |
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वक़्त का खेल
तुम बिछड़ जाओगे मिलकर, इस बात में कोई शक़ ना था ! मगर भुलाने में उम्र गुजर जाएग, ये मालूम ना था !!
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