Ishq Mohabbat Love
Thursday 13 February 2020
इबादत
सुना है इबादत से ख़ुदा मिलता है,
तो मोहब्बत करके हम भी देखते हैं।
Tuesday 11 February 2020
कोई मंदिर गया तो कोई मस्ज़िद
कोई मंदिर गया तो कोई मस्ज़िद,
मगर वो इंसान ना बन पाए ।
मैंने मोहब्बत की सिर्फ उनसे,
और ख़ुदा बन बैठा।
उपेन्द्र यादव
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)
वक़्त का खेल
तुम बिछड़ जाओगे मिलकर, इस बात में कोई शक़ ना था ! मगर भुलाने में उम्र गुजर जाएग, ये मालूम ना था !!
बदलता वक़्त
बदलता वक़्त है, ये मालुम है मुझे। ...
माँ
तेरे चरणों को छूकर , यूँ तुझसे लिपट कर , इतने वर्षों के बाद भी मैं, फिर से बच्चा बन जाता हूँ माँ। तेरे आँचल की छाया पा कर , तेरे गोद की...
किस तरफ कोई जाए ..
कितना वक्त गुजर गया, तुम कितने दूर आ गए , फिर भी बीच राह में पीछे कही , यादों की खंडहर में ठहरे हुए लगते हो । बीच साहिल में नाविक सा, ...