मैं इंतज़ार करता रहा सही वक्त का, औऱ जिंदगी यु ही खर्च हो गयी।
Saturday 21 November 2020
Monday 3 August 2020
तुम्हें ग़म जरूर होगा...
भले ही एहसास ना हो तुम्हें,
मेरे होने का जिंदगी में तेरे।
यक़ीन है मुझे फिर भी,
ना होने का ग़म तुम्हें बहुत होगा ।
Tuesday 28 July 2020
एक मुलाकात
सुना था कि लोग मिलते है और जिंदगी बदल जाती है।
ये एहसास हुआ उनसे फ़क़त एक मुलाकात के बाद ग़ालिब ।
इंसान बने रहना
मोहब्बत थी मेरी और ज़ोर-ए-तसव्वुर था मेरा,
जो तुम्हें ख़ुदा बना बैठा।
वरना ऐसे जहाँ में ख़ुद इंसान का इंसान रहना,
है नामुमकिन सा लगता।
Saturday 4 July 2020
ग़लत होना भी ग़लत नहीं
गलत हो कर भी,
कुछ ग़लत तो नहीं किया मैं ग़ालिब।
एक जिंदा इंसान हूँ,
पत्थर पर तराशा कोई ख़ुदा तो नहीं।
कत्ल उन्हीं का कर आये हैं हम...
जिनके बिना रहना मुमकिन ना था,
कत्ल उन्हीं का कर आये हैं हम।
ये समझना अब मुश्किल तो नही है,
की उन्हें या मार खुद को आये हैं हम।
Wednesday 17 June 2020
आसान होती ज़िदगी
आसान होती जिंदगी तो,
मरने का यूँ रिवाज़ ना होता।
कोई जला दिया ना जाता,
मरने का यूँ रिवाज़ ना होता।
कोई जला दिया ना जाता,
तो कोई यू दफ़न ना होता।
Sunday 17 May 2020
Friday 15 May 2020
रिश्तों के वृक्ष
रिश्तों के वृक्ष,
सिर्फ वादों से नहीं उगा करते हैं।
सिर्फ वादों से नहीं उगा करते हैं।
कभी पसीने तो कभी खून की,
जरूरत होती है ग़ालिब ।
Tuesday 12 May 2020
वो आख़िरी साँस
एक उम्र यहाँ गुज़र सी गयी,
जिंदा रहते हुए मुझे।
सिर्फ वो आख़िरी साँस जिंदगी की,
जीना सीखा गई ग़ालिब।
Thursday 7 May 2020
कैसे हार जाता...
कुछ फासलों से मैं टूट कैसे जाता,
मेरी जिंदगी पर औरों का भी हक़ था।
मेरी जिंदगी पर औरों का भी हक़ था।
उन तूफानों से हार मैं कैसे जाता,
जिंसके होने पर ही मुझको शक था ।
Sunday 19 April 2020
नही है फ़िक्र कोई
नहीं है फ़िक्र कोई,
तुझसे अब दूर रखकर।
यक़ीन है इश्क़ पर अपने,
की मुलाक़ात जरूर होगी।
पाकर तुझे,
मैं ख़ुद खुदा बन बैठा ।
जुदा कोई ख़ुदा को करे,
इतनी औकात किसकी होगी।
Saturday 18 April 2020
नसीब में कहाँ
हर किसी के नसीब में कहाँ,
ऐसी मोहब्बत ग़ालिब।
ना जाने कितने मर गए,
सिर्फ इसकी चाहत लिए हुए।
हो मोहब्बत तो
उस निभाने का जज़्बा रख।
वरना सांसों के चलने से,
सिर्फ कोई जिंदा नहीं होता।
हो मंजूर हर शर्त तो
हो मंजूर हर शर्त तो,
कुछ ऐसी मोहब्बत कर,
जिया जो पल साथ उनके ,
जिंदगानी बस उतनी ही हो।
Thursday 13 February 2020
Tuesday 11 February 2020
कोई मंदिर गया तो कोई मस्ज़िद
कोई मंदिर गया तो कोई मस्ज़िद,
मगर वो इंसान ना बन पाए ।
मैंने मोहब्बत की सिर्फ उनसे,
और ख़ुदा बन बैठा।
उपेन्द्र यादव
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