Ishq Mohabbat Love
Friday 15 May 2020
रिश्तों के वृक्ष
रिश्तों
के वृक्ष,
सिर्फ वादों से नहीं उगा करते हैं।
कभी पसीने तो कभी खून की,
जरूरत होती है ग़ालिब ।
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वक़्त का खेल
तुम बिछड़ जाओगे मिलकर, इस बात में कोई शक़ ना था ! मगर भुलाने में उम्र गुजर जाएग, ये मालूम ना था !!
बदलता वक़्त
बदलता वक़्त है, ये मालुम है मुझे। ...
माँ
तेरे चरणों को छूकर , यूँ तुझसे लिपट कर , इतने वर्षों के बाद भी मैं, फिर से बच्चा बन जाता हूँ माँ। तेरे आँचल की छाया पा कर , तेरे गोद की...
जुनून ...
इतनी मोहब्बत करूँगा ए मोहब्बत तुझे ,की खुद को खुदा समझ बैठोगी । अगर वफ़ा कर नही पायी तो मेरे वफ़ा को तुम अपनी सजा समझ बैठोगी ।
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