Tuesday 11 February 2020

कोई मंदिर गया तो कोई मस्ज़िद

कोई मंदिर  गया तो कोई मस्ज़िद,
मगर वो इंसान  ना बन पाए ।
मैंने  मोहब्बत की सिर्फ उनसे,
और ख़ुदा बन बैठा। 
                            उपेन्द्र यादव

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वक़्त का खेल

तुम बिछड़ जाओगे मिलकर,  इस बात में कोई शक़ ना था ! मगर भुलाने में उम्र गुजर जाएग, ये मालूम ना था !!