Ishq Mohabbat Love
Saturday 21 November 2020
बहुत कुछ पाया है ...
कुछ पा लेने से,
सब कुछ नही मिल जाता है।
मैंने खो कर भी,
बहुत कुछ पाया है ग़ालिब।
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वक़्त का खेल
तुम बिछड़ जाओगे मिलकर, इस बात में कोई शक़ ना था ! मगर भुलाने में उम्र गुजर जाएग, ये मालूम ना था !!
बदलता वक़्त
बदलता वक़्त है, ये मालुम है मुझे। ...
माँ
तेरे चरणों को छूकर , यूँ तुझसे लिपट कर , इतने वर्षों के बाद भी मैं, फिर से बच्चा बन जाता हूँ माँ। तेरे आँचल की छाया पा कर , तेरे गोद की...
जुनून ...
इतनी मोहब्बत करूँगा ए मोहब्बत तुझे ,की खुद को खुदा समझ बैठोगी । अगर वफ़ा कर नही पायी तो मेरे वफ़ा को तुम अपनी सजा समझ बैठोगी ।
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