Friday 5 January 2024

जिंदगी बिन तेरे

तुम्हें पाने की ख्वाहिश ने, जिंदा रखा था। 
वरना मरने की कोई उम्र थोड़े ना होती है ।। 
बीते पल, किसी जिंदगी से कम तो नहीं। 
वरना मेरी अधूरी जिंदगी कहाँ पूरी होती है।।

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वक़्त का खेल

तुम बिछड़ जाओगे मिलकर,  इस बात में कोई शक़ ना  था ! मगर भुलाने में उम्र गुजर जाएग, ये मालूम ना  था !!