Saturday 20 January 2024

वक़्त का खेल

तुम बिछड़ जाओगे मिलकर, 
इस बात में कोई शक़ ना  था !

मगर भुलाने में उम्र गुजर जाएग,
ये मालूम ना  था !!
 

Friday 5 January 2024

जिंदगी बिन तेरे

तुम्हें पाने की ख्वाहिश ने, जिंदा रखा था। 
वरना मरने की कोई उम्र थोड़े ना होती है ।। 
बीते पल, किसी जिंदगी से कम तो नहीं। 
वरना मेरी अधूरी जिंदगी कहाँ पूरी होती है।।

Saturday 30 December 2023

बदलता वक़्त

                                                           बदलता वक़्त है, ये मालुम है मुझे।
                                               कुछ हाथ मेरे कन्धों से मगर, बदलने नहीं चाहिए।
                                                        मिलने में शायद, अब वक़्त लगे हमें।
                                         बिछड़े भी थे कभी, बाद मिलने के बस ये लगना नहीं चाहिये।।

                                                            बढेंगे दूरियाँ, गुफ़्तगू कम होंगी।
                                           वो कहेंगे तुम्हें भी, वक़्त के साथ बदलना चाहिए।।
                                                          तुम पूँछ लेना, मुस्कुराकर।
                                        की रंग बदलते हैं दिवार नहीं, ये कैसे उन्हें समझाना चाहिए।।




Monday 30 October 2023

Perry


                         Matthew Perry
    अभी ख़बर मिली कि, तुम चले गए छोड़ कर तन्हा हमें।
     यही बात बस खुद को समझाने में, वक़्त बहुत लगेगा ।

Wednesday 28 April 2021

कैसा है ये मंज़र

कैसा है ये मंज़र मातम का,

जनाजे को कंधों की कमी पड़ गई।

इंसान जिंदा था तो हवा की,

गर मर गया तो जमीं कम पड़ गई।

Saturday 21 November 2020

कुछ पल...

बहुत चाहा था कहना, जिसमें वक़्त सिर्फ़ कुछ पल का लगता।
मैं इंतज़ार करता रहा सही वक्त का, औऱ जिंदगी यु ही खर्च हो गयी।

बहुत कुछ पाया है ...

कुछ पा लेने से,
सब कुछ नही मिल जाता है।
मैंने खो कर भी,
 बहुत कुछ पाया है ग़ालिब।

वक़्त का खेल

तुम बिछड़ जाओगे मिलकर,  इस बात में कोई शक़ ना  था ! मगर भुलाने में उम्र गुजर जाएग, ये मालूम ना  था !!