मेरे दिल की दीवार पर , जो पढ़ तुम नहीं पायी , वो मैं अब ज़ुबानी क्या बयां करूँ।
मेरे दिल की हालात , तुमसे छुपा कब रहा , उसे अब एक कहानी से क्या बयां करूँ।
तुम बिछड़ जाओगे मिलकर, इस बात में कोई शक़ ना था ! मगर भुलाने में उम्र गुजर जाएग, ये मालूम ना था !!
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