Saturday 21 January 2017

तुम और खुदा

इन लबों पर मुस्कराहट ही बेहतर है ,दिल के दर्द में झाखने की फ़ुर्सत किसे है।
दुआ में तुम हो या खुदा  हो ,तुमसे अलग मेरा खुदा हो , इसकी हसरत किसे है ।

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वक़्त का खेल

तुम बिछड़ जाओगे मिलकर,  इस बात में कोई शक़ ना था ! मगर भुलाने में उम्र गुजर जाएग, ये मालूम ना था !!