वक़्त के सागर में, डर कर यादों के तूफानों से , कस्तियों से तन्हा पार करना मुश्किल होता ।
अगर मिल जाता साथ तेरा , मेरी मोहब्बत की कश्ती में , फिर किसी लहर को हमे डूबाना मुश्किल होता ।
तुम बिछड़ जाओगे मिलकर, इस बात में कोई शक़ ना था ! मगर भुलाने में उम्र गुजर जाएग, ये मालूम ना था !!
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