जब परेशानियों से हार कर ,
जिंदगी के खेल से तंग आकर ,
मौत को गले लगाने का दिल चाहे ,
तो याद रखना ,
कोई तेरी राह देख रहा है ।
चलते चलते यू ही तन्हा राहों में ,
बाद गिरने के ठोकरें खा कर ,
अगर ठहर वही जाने को दिल चाहे,
तो याद रखना ,
कोई तेरीे राह देख रहा है ।
यू किसी अजनबी का साथ पाकर ,
जो होती ही नही उन खुशियों के लिए ,
अपनों को ही भुला देने को दिल चाहे ,
तो याद रखना ,
कोई तेरी राह देख रहा है ।
मैं सागर हूँ तो तू कस्ती सी मुझमे ,
किसी को उड़ते हुए देख कर ,
खुद बनके पंछी उड़ जाने को जी चाहे ,
तो याद रखना,
कोई तरी राह देख रहा है ।
राहे बहुत है छोटी सी जिंदगी में ,
हर राह में ना जाने कितने मोड़ होंगे,
घबड़ाकर इतने मोड़ से लौट जाने को दिल चाहे ,
तो याद रखना ,
कोई तेरी राह देख रहा है ।
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