Sunday 21 May 2017

तुझे खुशी मिले...

तेरे मोहब्बत को कैसे मैं भूल जाऊं ,
कैसे मैं तेरे आशुओं को अदा करूँ,
खुदा से दुआ करूँगा की  ,
ख़ुशियों का पूरा ,
एक आसमान मिल जाये  तुमको  ।

जिसमे कोई अपना ही तेरी तंहाई में तारा बन जाये  ,
तो कोई अंधेरी राहों में चाँद सा चमक जाए  ,
मैं भी रहूँ तेरे ऐसे अपनों में एक ,
अपनों से भरा ऐसा ही ,
एक जहां मिल जाये तुमको  ।

No comments:

Post a Comment

वक़्त का खेल

तुम बिछड़ जाओगे मिलकर,  इस बात में कोई शक़ ना था ! मगर भुलाने में उम्र गुजर जाएग, ये मालूम ना था !!