अक्सर जिंदा होने का ऐहसास, मौत के बगल से गुजर जाने के बाद होता है ।
मैं ख़ुश भी रह सकता हूँ, पर यह उन्हें खोकर पाने के बाद होता है ।
मोहब्बत तो देख मेरी, खुदा का ऐहसास भी तो उनकी गली में जाने के बाद होता है ।
जान है मुझमें या नहीं, ये ऐहसास भी अब तो उनकी नजर के सामने आ जाने बाद होता है ।
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ReplyDelete☺🙂🤗
ReplyDeletenice
ReplyDeleteThanks Archita and Ajay
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