Wednesday 24 February 2016

गम

दबा कर सिसकियों को आज इस मोड़ पर पहुँचा हूँ जिंदगी के ।
अब गुजर जाती है मोहब्बत नजर के सामने से और ऐहसास दिल तक  को नही होता है ।।

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वक़्त का खेल

तुम बिछड़ जाओगे मिलकर,  इस बात में कोई शक़ ना  था ! मगर भुलाने में उम्र गुजर जाएग, ये मालूम ना  था !!