Saturday 27 February 2016

खुशी के चार पल

आसान  नहीं है ,खुशी  के  चार  पल  यहाँ पाना ,
मुझे हर बार रुला दिया गया, खुशी मिलने के बाद।
जब भी चाहा तुम्हें भुला कर  नई राह पर चलना ,
हर बार याद दिला दिया गया मुझे , तुम्हें भुला देने के बाद।।
 

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वक़्त का खेल

तुम बिछड़ जाओगे मिलकर,  इस बात में कोई शक़ ना  था ! मगर भुलाने में उम्र गुजर जाएग, ये मालूम ना  था !!