जिंदगी के अंधेरे लम्हों में , चमकते चाँद की रोशनी सी हो तुम ,
कभी खुदा तो , कभी सांसो से भी ज्यादा जरूरी सी हो तुम ।
जिंदा भी रहता और खुशी खुशी जी भी लेता तेरे बिन ,
मगर क्या करु ,मैं सिर्फ इक मुस्कान हूँ और उसकी सूरत सी हो तुम ।।
तुम बिछड़ जाओगे मिलकर, इस बात में कोई शक़ ना था ! मगर भुलाने में उम्र गुजर जाएग, ये मालूम ना था !!
Bahut sahi
ReplyDeleteApne kha diya ...phir jarur sahi hoga ....ha ha ha
ReplyDelete