Tuesday 5 April 2016

हो ना यक़ीन...

दोस्त और भी मिल जाएंगे जिंदगी के इस सफर में, मगर मुझ सा फिर ना पाओगी तुम ।

हो ना यकीन तो ,खुदा से  मांग कर देख लो मुझ सा   , हर बार दुआ मे सिर्फ मुझको ही पाओगी तुम ।।

No comments:

Post a Comment

वक़्त का खेल

तुम बिछड़ जाओगे मिलकर,  इस बात में कोई शक़ ना था ! मगर भुलाने में उम्र गुजर जाएग, ये मालूम ना था !!